SHAHEED MAJOR KAMLESH PANDEY
शहीद मेजर कमलेश पाण्डे का जन्म सेना में कार्यरत रहे श्री मोहन चन्द्र पाण्डे एवं श्रीमती शान्ति पाण्डे के घर दिनांक 04 अप्रैल, 1987 को बाड़ेछीना ग्राम से 03 कि0मी0 दूर स्थित ग्राम दिगोली में हुआ। मेजर कमलेश पाण्डे की प्रारम्भिक शिक्षा महर्षि विद्या मन्दिर बाड़ेछीना में हुई।
इन्होने कक्षा 12 की परीक्षा केन्द्रीय विद्यालय रानीखेत से करने के पश्चात् मेजर कमलेश पाण्डे का चयन भारतीय वायुसेना में टेक्निशियन के पद पर हुआ। मेजर कमलेश पाण्डे वर्ष 2006 से वर्ष 2009 तक इस पद पर चण्डीगढ़ में तैनात रहे। वायुसेना में कार्यरत रहते हुए मेजर कमलेश पाण्डे ने अपनी शिक्षा जारी रखी एवं पंजाब यूनिवर्सिटी से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् वह प्रथम प्रयास में ही सी०डी०एस० परीक्षा में सफल हो गये।
इण्डियन मिलिट्री ऐकेडमी देहरादून से प्रशिक्षण पूर्ण करने के पश्चात् मेजर कमलेश पाण्डे ने भारतीय सेना में 09 जून, 2012 को 18 डोगरा रेजीमेंट में लेफ्टिनेन्ट के पद पर कमिशन प्राप्त किया। कमिशन मिलने के पश्चात् डोगरा रेजीमेन्ट की 21 वीं बटालियन में मेजर कमलेश पाण्डे ने सेना का बेसिक कोर्स किया और कुछ समय के पश्चात् मेजर कमलेश पाण्डे की तैनाती 62 राष्ट्रीय रायफल में जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में हुई।
02 अगस्त, 2017 की रात को शोपियाँ में कुछ आतंकियों के घुसपैठ करने की सूचना मिलने पर मेजर कमलेश पाण्डे अपनी टीम के साथ आतंकियों का खात्मा करने के लिए निकल पड़े। मेजर कमलेश पाण्डे हमेशा की तरह अपनी टीम की अगुवाई कर रहे थे। घात लगाए आतंकवादियों ने उनकी गाडी पर मशीन गन से अंधाधुन्ध गोलियां बरसाई, जिसमें मेजर कमलेश पाण्डे व उनका साथी जवान घायल हो गये। मेजर कमलेश पाण्डे ने तब भी आतंकियों का डटकर मुकाबला किया। जिससे आतंकियों को भागना पड़ा। मेजर कमलेश पाण्डे को गम्भीर हालत में सेना के 92 बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती कराया गया, जहाँ 03 अगस्त, 2017 को भारत माँ के इस वीर सपूत ने अपनी अंतिम सांस ली और वीरगति प्राप्त की। इसके साथ ही मेजर कमलेश पाण्डे अपनी वीरता से युवाओं के लिए एक मिसाल छोड़ गये।